आँवला स्वास्थ के लिऐं अमृत समान है -
आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। क्योंकि आंवला वृक्ष औषधि गुणों के साथ ही हिन्दू संस्कृति में पूजनीय भी है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है। आंवला का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्म व औषधि के रूप में उपयोगें किया जाता है, जैसे- आंवला जूस, आंवला पाउडर , आंवला अचार,आंवला कैंन्डी,आंवला मुरब्बा, एंव आंवला च्यवनप्राश आदि।
आंवला फल में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन सी, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स एवं आक्सीडेन्ट पाया जाता हैं ।
आंवला का सेवन प्रति दिन कम से कम एक या दो आंवला का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है, सा़थ ही यह हमार शरीर से विषेलेे टाक्ंसिन्स को भी बाहर निकालने मे मदद करता है।
* आंवला औषधि रुप से बहुत ही लाभदायक होता है। जैसे-
1. बालों के झड़ने से रोकने में -
आंवला बालों के लिऐं नर्सिहं का कार्य कर्ता है। क्योकि आवले मे सबसे ज्यादा विटामिन सी, बालों को नया ,काले,लम्बें ,चमकदार वा मजबूत बनाता है जिसके कारण बाल का झड़ता है। तथा असमय बालों का सफेद पन को भी रोकता है। क्योकि आंवले में मौजूद एन्टीआक्सीडेन्ट बालों के पिग्मेंन्टेशन को रोकता है।
2. बालों की वृद्धि में -
आंवला में आवश्यक मात्रा में फैटी एसिड होते हैं जो बालों का विकास तेजी से करने में मदद करते हैं।
3. रूसी व डैन्डृफ में को कम करने में -
आंवला के एंटीबैक्टीरियल गुण एक्जिमा , चर्म विकार और डैंड्रफ़ जैसी परेशानियों को कम करने में सहायक होता है।
4. आँखों के लिए -
आँवला आँखों की दृष्टि (नज़र) के दोषों को दूर कर आंखो की रोशनी बढा़ता है,साथ ही आँखों की जलन और खुजली से राहत प्रदान करता है।
4. दाँतों के लिए -
आवँला में शक्तिशाली एंटीमाइक्रोबायल एजेंट पाये जाते है। जो यह विभिन्न प्रकार के रोगजनकों और बैक्टीरियां से होने वाली परेशानी को कम कर दाँतों को स्वस्थ और मज़बूत बनाने में सहायता करते है । इसलिऐ प्रति-दिन आँवला का सेवन दांत रोगो में लाभकारी होता है।
5. श्वसन प्रणाली के लिए -
श्वसन प्रणाली साँस लेने एवं छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन सर्दी, खांसी, दमा, ब्रोंकाइटिस एवं यक्ष्मा जैसे श्वसन संबंधी रोग सांस लेने में गंभीर कठिनाई पैदा कर देते हैं। आँवला इन कठिनाइयों को दूर करने में सहायक होता है।
6. हृदय रोग में -
आँवला हृदय को स्वस्थ व आरोग्य बनाऐ रखने में सहायक होता है । यह रक्तचाप को नियंत्रित में रखता है और हृदय रोग एवं दिल के दौरे से बचाव करता है।
7. यकृत रोगो में -
आंवला विटामिन सी से भरपूर वा सुपाच्य होने के कारण भोजन को पचाने में सहायक होता है। अयुर्वेद अध्यनों के अनुसार आँवले का नियमित रूप से सेवन करने से यकृत को मजबूत स्वस्थ रखा जा सकता है।
8. मूत्र विकार में -
आँवला एक अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट है और विटामिन सी से भरपूर है। यह मूत्राशय और गुर्दे में होने वाले संक्रमण से बचाता है और मूत्र विकार को स्वस्थ रखता है।
9. रोग-प्रतिरोगधक क्षमता में -
आंवला विटामिन सी से भरपूर शरीर के विषाक्त संक्रमण निकाल कर हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और विभिन्न रोगों के खिलाफ लड़ने के लिए पर्याप्त क्षमता प्रदान करता है।
10. मधुमेंह रोगो में -
आंवला मधुमेंह रोगियों के लिऐ आक्सीडेन्ट के रुप में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढा़ कर मधुमेंह से होने वाली समस्याओं को दूर करता है।और मधुमेंह को नियन्त्रित करता है।
11. आंवला विभिन्न रोगो में लाभकारी सिद्ध हुआ हैl जैसे-
आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में, जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर में भी फायदेमंद होता है। यह सांसों की बीमारी, खांसी और कफ संबंधी रोगों से राहत दिलाने में सहायता करता है। आंवला आंखों की रोशनी, गठिया में भी लाभ पहुंचाता है।
आंवला का उपयोग कई तरीको से किया जाता है। आंवला का जूस, अचार, आँवले का मुरब्बा, तेल, कच्चा फल, सुखाकर और आंवले का चूर्ण आदि उपयोग कर आप इसके गुणों का लाभ उठा सकते है।
नोट -
आंवले की तासीर ठंण्डी होती है। और यह अम्लीय होने के कारण आंवला खाने से कभी कभी पेट की समस्या के साथ ही पेशाब में जलन भी हो सकती है।
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