प्रदूषण की रोकथाम करें - अयुर्वेद

प्रदूषण की रोकथाम करें - अयुर्वेद

भारत में प्रदूषण एक गंभीर समस्या हैं।क्योकि सम्पूर्ण विश्व में वैज्ञानिक इस वजह से चिंन्तितहैं कि ओजोन सतह में आगमी 70 वर्षो में लगभग तीन प्रतिशत की कमी आ जाएगी, तो अल्टृा वायलेट किरणें बढ़ने सें मानव स्वास्थ के लिऐ खतरा उत्तपन्न हो जायेगा।जिससे पर्यावरण में आक्सीजन की कमी हो जाऐगी।ऐसी अवस्था में स्वच्छ वायु, स्वच्छ पौषिटिक आहार, स्वच्छ जल,व स्वच्छ ग्रह आदि की समस्या उत्पन्न हो जाऐगी ।इसके लिऐ सर्व प्रथम प्रदूषण के मुख्य कारणों को रोकना होगा जैसें- नालियों में पानी व गंदगी जमा होना,कारखानो सें प्रदूषित द्रव,पानी का नदी तालाबों में जानें सें रोकना,वाहन,कल कारखानों व अन्य धूल-धूआ उत्पन्न करने वाले व्यवशाय से उत्पन्न प्रदूषण,एवं शीवर लाईन का दूषित द्रव नदी में मिलना आदि।

प्रदूषण की रोकथाम करने वालें पादप-

नीम,तुलसी,कपूर,मौलसरी गंधतृण नैरपत्ती आदि के रोपण एंव धूपन सें वातावरण शुद्ध होता हैं।

प्रदूषण जन्य रोग -

श्वांस,कांस,नेत्र रोग,टी वी,खांसी - जुखाम, विषम ज्वर, अतिसार, शीतपित्त, चर्म विकार, उदर रोग, रक्त पित्त , विसूचिका, श्लीपद कैंसर आदि।

* हम ऐसे पेड़,पौधें लगाऐं जिससें पर्यावरण को सुरक्षित रख सकें।

* जटामांसी,तगर,मुरामासी, वच, गुग्गुल, चम्पा, नागरमोथा कपूर तुलसी आदि।

वातावरण में हमें ऐसे पेंड़-पौधौ का रोपण करना चाहिऐ जो पर्यावरण में फैले प्रदूसित धुऐं को अवशोषित कर स्वच्छ वातावरण बनाऐं । जो यह निम्न हैं - नीम,पीपल,आंवलाऔ,इमली, बड,बिल्व एंव आम आदि।

* पिपल पेड़ 100% कार्बन डाय ऑक्साइड शोषित करता है !

* बड का पेड़ 80% और

* नीम का पेड़ 80% शोषित करता है।

* इमली का पेड़ 80 / शोषित करता है ।

* बिल्व का पेड़ 80 / शोषित करता है ।

*आवला का पेड़ 74 / शोषित करता है ।

* आम का पेड़ 70 / शोषित करता है ।

ये सभी वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते है ,साथ ही धरती के तापनाम को भी कम कर स्वच्छ वातावरण का निर्माण करता है ।

* जगंल जलेबी जैसे पेड़ अवश्य लगाऐ जो वातावरण में पत्थर के कोयले से उत्तपन्न प्रदूषण को रोकने में लाभ दायक होते हैं।

* पर्वतीय क्षेत्रो में जलस्त्रोत को सुरक्षित रखने वालें पादप - हिंसालु , सियास,वांझ,तिमला,चमलई ,बुरांस आदि।

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