पंक्षियों से प्रेरणा ले ....

हमें स्वस्थ्य रहने है, तो पक्षियों से प्रेरणा ले -- पंक्षियों से प्रेरणा -- -------------------- हम सभी पंक्षियो की दिनचर्या से भली भाति परचित है , पंक्षी प्रातः काल से सायंकाल तक लगातार विचरण करती रहती कभी भोजन -पानी के लिऐ,तो कभी अपने बच्चों के दाने के लिऐ दूर-दूर तक भोजन की तलास ,फिर पुनः अपने घोसलें मे आना,और उनका नियमित खान- पान उनके अच्छे स्वस्थ्य व निरोगी रहने की निशानी है । पंक्षियों का नियम संयम --- 1. पंक्षी सूर्यास्त के बाद भोजन नही करते है । 2. पंक्षी रात्रि को नही घूमते है । 3. पंक्षी अपने बच्चे को सही समय पर खान-पान,एंव उडा़न सिखाते हैं। 4. पंक्षी हमेशा हल्का व सुपाच्य भोजन करते है । 5. पंक्षी हमेशा आवश्यकता से अधिक भोजन नही करते, इसलिऐं हमेशा स्वस्थ्य रहते है ।

6. पंक्षी रात्रि होते ही विश्राम करने चले जाते है । और प्रातः भौर होते ही उठकर चहकने लगते है । 7. पंक्षी सदेव अपना आहार जल्दी नहीं बदलते है। 8. पंक्षी अपने शरीर को निरन्तर क्रियाशील रखते है ,इसीलिऐ पंक्षी फुर्तीले व स्वस्थ रहते है । पंक्षी केवल रात्रि में विश्राम करते है । 9. पंक्षियों मे एक विशेषता होती है ,कि यदि वह बीमार होते है तो भोजन का त्याग कर देते है । जब स्वस्थ हो जाते है तो पुनः भोजन ग्रहण करते है । 10. पंक्षी अपने बच्चे की तब तक देखभाल करते है,जबतक कि बच्चे आत्म निर्भर ना हो जाऐं । 11.जो पंक्षी सदैव परिश्रम करते तो उनके शरीर में किडनी, लिवर ,पेट व हर्दय का रोग नहीं होते।

12. पंक्षी प्रकृति से उतना ही लेते हैं जितना शरीर को आवश्यकता होती है । 13. पंक्षी अपना घर (घोसला) पर्यावरण अनुकूल बनाते हैं। 14. पंक्षी अपनी भाषा छोड़कर दूसरों की बोली नहीं बोलते। हम सभी मनुष्य जाति को पंक्षियों से प्रेरणा लेनी चाहिऐं, क्योकि यदि हमें स्वस्थ रहना है तो अपने खान- पान,पथ्य-अपथ्य,रहन सहन,प्रातः काल सुर्योदय से पुर्व उठना,रात्रि में सुर्यास्त से पुर्व भोजन, भोजन करने के एक से दो घण्टे बाद पानी का सेवन, नियमित योगाभ्यास एंव साकाहारी भोजन करना ही हम सभी का स्वस्थ्य व निरोगी बनाने की प्रेरणा देता है । धन्यवाद ...

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