जाने करेला का औषधिय गुण -- करेला हमारे भारत देश मे लगभग सभी जगह आसानी से प्राप्त होने वाली सब्जी है । करेला कड़वा होने के बाद भी अपने औषधिय गुणों के कारण बहुत पसंद किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम- मोमोर्डिका चंराशिया है । करेला में मुख्य रूप सें विटामिन ए, विटामिन बी,एवं विटामिन सी पायी जाती है । इसके अलावा करेले में कैरोटिन ,आयरन ,जिंक, पोटेशियम,मैग्नीशियम,और बीटा कैरोटिन आदि पाया जाता है ।तथा इसके बीज में लैक्टिन तत्व पाया जाता है जो मधुमेंह को नियन्त्रिंत करता है । तथा करेला हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढा़ता है ।
* करेला का औषधिय लाभ -- 1. करेला मोटापा रोग में - करेला मोटापा कम करने मे बहुत सहायक होता है , क्योंकि करेले मे फैट , कैलोरी और कार्बोहाइडृड बहुत कम मात्रा में पाया जाता है । और फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है ,जो मोटापा को नियंन्त्रित करती है । 2. करेला वात विकार को दूर कर आमवात , यकृत विकार,तिल्ली रोग,आंतो की सूजन,आन्त्रागत वातविकार,बवासीर,आदि रोगों से बचाता है । 3. मधुमेंह रोगियो को करेला का जूस हमेशा पानी मिलाकर ही लेना चाहिऐ। 4. करेला मधुमेह रोगी में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है । करेला जूस को रोज़ प्रातः खाली पेट सेवन करने से मधुमेह रोगी को काफी आराम मिलता है । जो ब्लड में बढी़ शुगर लेवल को कम करता है। करेला में मोमोर्डिका और चरंशिया होता है , जो एंटी-हाइपर ग्लेसेमिक तत्वों के कारण करेले का जूस ब्लड शुगर लेवल को मांसपेशियों में संचारित करने में सहायता करता है। साथ ही करेला के बीज में पॉलीपेप्टाइड-पी पाया जाता है , जो इन्सुलिन को नियंन्त्रत करता है । 5. करेला रक्त को शुद्ध रखता है , जो शरीर में बनने वाले विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है। यह प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप में काम करता है। करेले का जूस रक्त को शुद्ध कर कील- मुहांसों की समस्या को दूर करता है।
6. करेला भूख बढ़ाने में बहुत ही सहायक होता है । करेले का जूस पीने से आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करता है। इसलिऐ हम सभी को भूख की समस्याओं में करेले का जूस का सेवन कर पाचन क्रिया को ठीक कर भूख को बढ़ता है। 7. करेला अग्नाशय के कैंसर के इलाज में बहुत उपयोगी होता है । करेले का जूस अग्नाशय के कैंसर के उपचार में काफी लाभप्रद होता है। करेले में मौजूद एंटी-कैंसर कॉम्पोनेंट्स अग्नाशय का कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं में ग्लूकोज का पाचन रोक देती हैं। जिससे इन कोशिकाओं की शक्ति क्षीण होने से कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं ख़त्म हो जाती हैं। इसलिए रोज़ सुबह एक गिलास करेले का जूस पीने से अग्नाशय का कैंसर होने की सम्भावना बहुत घट जाती है। नोट :- * करेले का अत्यधिक उपयोग नही करना चाहिऐ,नही तो दस्त व पेट दर्द हो सकता है । * करेला खाने के बाद दूध का सेवन नही करना चाहिऐ नही तो चर्म विकार हो सकता है । अधिक जानकारी के लिऐ डा़0 राव समित के चिकित्सको से निः शुल्क परामर्श ले । धन्यवाद ...
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