योगा करे - सदा रहे निरोग
योगा हमारे भारत देश की प्राचीनतम पद्धति है। डा० राव के अनुसार योगा अभ्यास के द्वारा ही हम अपने मन, चित्त पर नियन्त्रण रख सकते है।
योगा हमारे शरीर और मन को शांत करने के लिये शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक सन्तुलन बनाता है। यह तनाव और चिन्ता का प्रबन्धन करने मे भी सहायता करता है। और आपको स्वस्थ व आराम से रहने लायक बनाता है। योगाभ्यास के द्वारा शरीर में लचीलापन और आत्म विश्वास विकसित करता है।
वर्तमान मे योगा को सभी चिकित्सा पद्धति मे सर्वसम्मति से स्वीकार कर भारत के गौरव को गौरवान्वित किया है।
सर्व प्रथम योगा को 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों ने मिलकर " 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस " मनाने की मंजूरी दी थी।
हमार भारत देश में प्रथम अन्तराष्टीय दिवस 21 जून 2015 को राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया गया।
21जून को अन्तराष्टीय दिवस जिस दिन मनाया जाता है, वह दिन वर्ष को सबसे बड़ा दिन होता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है, और सूर्य अस्त देर से होता है।
बीमारियों के अनुसार :-- करे योग --- रहे निरोग
1. उदर रोगो में --
उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, योगमुद्रासन, भुजंगासन, मत्स्यासन।
2. शिरो रोग में --
सर्वांगासन, शीर्षासन, चन्द्रासन।
3. मधुमेह रोग में --
पश्चिमोत्तानासन, नौकासन, वज्रासन, भुजंगासन, हलासन, शीर्षासन।
4. सप्त धातु वीर्य दोष में --
सर्वांगासन, वज्रासन, योगमुद्रा।
5. गला रोग में --
सुप्तवज्रासन, भुजंगासन, चन्द्रासन।
6. आंखों के रोग में --
सर्वांगासन, शीर्षासन, भुजंगासन।
7. जोड़ो के रोग (गठिया) में --
पवनमुक्तासन, पद्मासन, सुप्तवज्रासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन।
8. नाभि सम्बन्धी में --
धनुरासन, नाभि-आसन, भुजंगासन।
9. गर्भाशय रोगो मे --
उत्तानपादासन, भुजंगासन, सर्वांगासन, ताड़ासन, चन्द्रानमस्कारासन।
10. कमर दर्द में --
हलासन, चक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन।
11. फेफड़ों के संक्रमण में --
वज्रासन, मत्स्यासन, सर्वांगासन।
12. यकृत रोग में --
लतासन, पवनमुक्तासन, यानासन।
13. बवासीर (गुदा) रोग में --
उत्तानपादासन, सर्वांगासन, जानुशिरासन, यानासन।
14. दमा रोग में --
सुप्तवज्रासन, मत्स्यासन, भुजंगासन।
15. अनिद्रा ( नींद न आने मे) -
शीर्षासन, सर्वांगासन, हलासन, योगमुद्रासन।
16. गैस रोग में --
पवनमुक्तासन, जानुशिरासन, योगमुद्रा, वज्रासन।
17. जुकाम / नजला में --
सर्वांगासन, हलासन, शीर्षासन।
18. तनाव मुक्त के लिए–
सिद्धासन, योगासन, शतुरमुर्गासन, खगासन योगमुद्रासन।
19. रीढ़ की हड्डी के लिए -
सर्पासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, शतुरमुर्गासन करें।
20. गठिया रोग के लिए-
पवनमुक्तासन, साइकिल संचालन, ताड़ासन किया करें।
21. गुर्दे की बीमारी में–
सर्वांगासन, हलासन, वज्रासन, पवनमुक्तासन करें।
22. गले के लिए --
सर्पासन, सर्वांगासन, हलासन, योगमुद्रा करें।
23. हृदय रोग के लिए-
शवासन, साइकिल संचालन, सिद्धासन किया करें।
24. दमा के लिए-
सुप्तवज्रासन, सर्पासन, सर्वांगासन, पवनतुक्तासन, उष्ट्रासन करें।
25. रक्तचाप के लिए–
योगमुद्रासन, सिद्धासन, शवासन, शक्तिसंचालन क्रिया करें।
26. सिर दर्द के लिए-
सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, शतुरमुर्गासन करें।
27. पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए-
यानासन, नाभि आसन, सर्वांगासन, वज्रासन करें।
28. मधुमेह के लिए-
मत्स्यासन, सुप्तवज्रासन, योगमुद्रासन, हलासन, सर्वांगासन, उत्तानपादासन करें।
29. मोटापा घटाने के लिए–
पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, नाभि आसन करें।
30. आंखों के लिए-
सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
31. बालों को स्वास्थ्य रखने के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, शतुरमुर्गासन, वज्रासन करें।
32. प्लीहा के लिए-
सर्वांगासन, हलासन, नाभि आसन, यानासन करें।
33. कमर के लिए–
सर्पासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, वज्रासन, योगमुद्रासन करें।
34. लम्बाई बढाने के लिए-
ताड़ासन, शक्ति संचालन, धनुरासन, चक्रासन, नाभि आसन करें।
35. कानों के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
36. नींद के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, सुप्तवज्रासन, योगमुद्रासन, नाभि आसन करें।
नोट -- योगाभ्यास करने से पहले आप अपने योगाचार्य से सलाह अवश्य ले।
अधिक जानकारी के लिये आप डा०राव समिति के योगाचार्य से सम्पर्क करे।
धन्यवाद...।
दैनिक जीवन योगा को नियमित और समर्पित तरह से योगाभ्यास बहुत ही लाभ प्रदान करता है।
जैसे - मानसिक स्वास्थ्य
शरीरिक स्वास्थ्य
सामाजिक
आध्यात्मिक
आत्मानुभूति आदि।
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