देशी घी (गाय का ) के चमत्कारी औषधिय गुण

"देशी घी "(गाय का ) के औषधिय चमत्कारी गुण -- भारत देश मे गया को गौ माता की तरह पूजा जाता है, यह पूजनीय ही नहीं ,अपितु देशी गाय द्बारा प्राप्त हम सबको दूध, दही ,घी वां गोबर भी आयुर्वेद मे औषधियों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। पुरातन से लेकर आज तक गाय और उससे प्राप्त दूध, दही, और देशी घी सभी मनुष्यो के लिये अमृत समान है।
डा०आर०रार के अनुसार देशी घी के औषधिय गुण निम्न है।
1. गया का शुद्ध देशी घी को प्रतिदिन नाक के दोनों छिद्र में डालने से साईनस की एलर्जी ठीक हो जाती है ।
2. गाय का घी नाक में डालने से बोलो के झड़ने एवं एलर्जी में आराम मिलता हैं।
3. गाय का घी नाक में डालने से लकवा रोग में भी आराम मिलता है।
4. 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है ।
5. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।
6. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
7. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है ।
8. हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक हो जाती है।
9. हिचकी के न रुकने पर देशी गाय का घी आधा चम्मच खाने से हिचकी मे आराम मिलता है।
10. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है ।
11. गाय के घी सेवन से बल ,बुद्बि और वीर्य बढ़ता है ,और शारीरिक व मानसिक ताकत के लिये लाभदायक होता है।
12. गाय का पुराना देशी घी बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है ।
13. अधिक शारीरिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पीने से लाभ मिलता हैं।
14. गाय का देशी घी सेवन करने वालो को कैंसर रोग जैसी घातक बीमारी से बचाता है ।
15. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो देशी गाय का घी खाने सेे ह्रदय मज़बूत होता है ।
16. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है ।
17. जले हुए फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से बहुत आराम मिलता है ।
18. गाय के घी बच्चों के जुखाम, खांसी, कफ मे अजवाइन और देश घी मिलाकर सीने पर हल्की मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालता है, तथा जुखाम मे आराम मिलती है ।
19. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम गाय का घी पिलायें, उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें, जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष भी कम हो जायेगा ।
20. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक हो जाता है।
21. सिर दर्द के साथ शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करने से आराम मिलता हैं I
22. गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है । और ना ही वजन बढ़ता है।
23. एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच मिश्री और दो चुटकी सफेद गोल मिर्च को मिलाकर सुबह शाम खाना खाने से एक घंण्टा पहले गर्म मीठा दूध के साथ सेवन से आँखों की ज्योति बढ़ती है ।
24. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें । इस विधि द्वारा प्राप्त " घी " एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिससे त्वचा सम्बन्धी चर्म रोगों एंव जले-कटे मे भी चमत्कारिक लाभ मिलता है
25. गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को सन्तुलित करता है ।
अधिक जानकारी के लिए आप डा० राव समित के चिकित्सक से सम्पर्क करे।
धन्यवाद...

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