चूना एक प्राकृतिक महाऔषधि हैं --

चूना एक प्राकृतिक महाऔषधि है -- चूना एक प्राकृतिक औषधि के रूप मानव शरीर के लिये वरदान सिद्ध हुआ है । डा० आर० राव (आयुर्वेदाचार्य) के अनुसार, चूना जिसका रासायनिक नाम कैल्सियम हाइडोक्लालोराइड है। चूना जो पान में लगा के खाया जाता है , उसकी एक डिब्बी ला कर घर में रखे .यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करता' है । गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक हो जाता है । . चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है - अगर किसी के शुक्रांणु नही बनता उसको यदि गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने प्रारम्भ हो जाते है। . जिन माताओं के शरीर में ओवा नही बनते उन्हें भी इस चूने का सेवन करने से बहुत लाभ मिलता हैं। 1. मधुमेह रोग मे -- मधुमेह रोगी को सुबह ख़ाली पेट एक गिलास पानी में एक छोटे चने के बराबर चुना मिलकर पीने से मधुमेह रोग मे बहुत आराम मिलता हैं। 2. विद्यार्थीओ मे -- छात्र /छात्राओं के लिए चूना का प्रयोग बहुत ही अच्छा होता है ।यह लम्बाई को बढाता है , यदि हम गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में दाल मे या पानी मे मिलाकर देने से बच्चों मे लम्बाई बढने के साथ साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है । जिन बच्चों की बुद्धि कम है ऐसे मतिमंद बच्चों के लिए सबसे अच्छी दवा है चूना...। 3. मासिक अनियमता मे -- मासिक धर्म के समय महिलाओं मे आने वाली समस्याओं के लिये चूना एक महाऔषधि का कार्य करता है चूना ,क्योंकि मेनोपौज़ की सभी समस्याओं के लिए गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन खाने वाली दाल में, लस्सी में, पानी में घोल कर पीने से शरीर में कैल्सियम की कमी को पुर्ण कर कमजोरी के साथ ही ,गठिया, ओस्टीओपोरोसिस होने की संभावना भी नहीं रहती । 4. गर्भावस्था मे -- जब कोई माँ गर्भावस्था में है तो चूना रोज खाना चाहिए क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है . गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए अनार के रस में - अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये तो चार फायदे होंगे - पहला फायदा होगा के माँ को बच्चे के जन्म के समय कोई तकलीफ नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगी ।तथा दूसरा बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त होगा । तीसरा फ़ायदा वो बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया । और चौथा सबसे बड़ा लाभ है वो बच्चा बहुत स्वस्थय व होशियार होता है। 5. जोड़ी के दर्द मे -- चूना का सेवन करने से कमर और कन्धे का दर्द ठीक करता है । साथ ही यह Spondylitis को भी चुने से ठीक करता है । हमारे रीढ़ की हड्डी में जो गैप आ जाता है ,वह भी चूना का प्रयोग से आराम मिलता हैं । रीढ़ की हड्डी की सभी बीमारिया चूने से ठीक होती है ,अगर हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने मे होती है। इसके लिए चूने का सेवन प्रतिदिन सुबह खाली पेट करना चाहिए। 5. मुख रोग में -- अगर मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाने से बिलकुल ठीक हो जाता है , मुंह में अगर छाले हो गए है तो चूने पानी मे थोड़ी हल्दी मिलाकर कर कुल्ला करने से आराम मिलता हैं। 6. रक्त लाप्ता मे -- शरीर में जब खून कम हो जाये तो चूना जरुर लेना चाहिए , एनीमिया अर्थात खून की कमी मे सबसे अच्छी दवा है कि चूना . गन्ने के रस में , या संतरे के रस में , नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस में डाल कर चूना ले , अनार के रस में चूना पिने से खून बहुत जल्दी बनता है - एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह खाली पेट ले . 7. पान मे चूने का महत्व -- भारत के जो लोग चूने से पान खाते है,जिससे शरीर मे कैल्सियम की पूर्ति होती रहती है। पर पान बिना तम्बाखू , सुपारी और कत्थे के ले . तम्बाखू ज़हर है । और चूना अमृत है ,इसलिए आप सदैव पान में सौंठ , इलायची , लौंग , केसर , सौंफ , गुलकंद , चूना , कसा हुआ नारियल आदि डाल के खाए ,जो लाभदायक होता है। 8. हड्डियों के रोग मे -- यदि आपके चिकित्सक ने कहा कि घुटने में घिसाव आ गया है ,और डॉक्टर कहे के घुटना बदल देना चाहिये या आपरेशन कर दे तो आप एक बार यह अयुर्वेदिक घरेलू उपाय कर के देखे आराम अवश्य मिलेगा । आप केवल भोजन, दही, जूस आदि मे चूना मिलाकर खाते रहिये । और हरसिंगार ( पारिजातक ) के पत्ते का काढ़ा के साथ अयुर्वेदिक औषधियो का प्रयोग जैसे - शलाकी, अश्वगंधा,गुर्च,योगराज,रास्नादि,स्वर्ण गुग्गुल, आदि का प्रयोग से घुटने मे बहुत लाभ मिलता हैं। चूना खाइए पर चूना लगाइए मत... ये चूना लगाने के लिए नही है खाने के लिए उत्तम औषधि के रूप मे प्रकति का वरदान है। अधिक जानकारी के लिए आप डा० राव समित के चिकित्सको से सम्पर्क करे। धन्यवाद..।

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