*14 सितम्बर, " हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ " ?
मै हिन्दी आपकी अपनी हूँ, सरल हूँ,
सहज हूँ,
हिन्दी अपना कर तो देखिऐ ।
भारतीय भाषाओं की वर्णमाला विज्ञान से भरी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है । और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में शामिल नहीं है। और ना ही आधी- अधूरी है, हमे हिन्दी मात्र भाषा पर गर्व है। जैसे कि आप देख सकते है।
?क ख ग घ ड़ - पांच के इस समूह को "कण्ठव्य" कंठवय कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।
? च छ ज झ ञ - इन पाँचों को "तालव्य" तालु कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालू महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
?ट ठ ड ढ ण - इन पांचों को "मूर्धन्य" मुर्धन्य कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
?त थ द ध न - पांच के इस समूह को दन्तवय कहा जाता है क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। उच्चारण का प्रयास करें।
?प फ ब भ म - पांच के इस समूह को कहा जाता है ओष्ठव्य क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। उच्चारण का प्रयास करें।
दुनिया की किसी भी अन्य भाषा मे ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है क्या... ?
हमें अपनी भारतीय भाषा के पर गर्व है।
जय हिन्द...... जय भारत।
डा० आर०राव (अध्यक्ष)
डा०राव स्वास्थ्य सेवा शिक्षा समिति कानपुर। ?????
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