सेनेटाइजर का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारकः

सेनेटाइजर का उपयोग हमारे देष मे कई वर्षो से प्रयोग में लिया जा रहा है लेकिन वर्तमान में वैष्विक महामारी कोविड-19 (कोरोना) वाइरस फैलने के कारण आज हमारे भारत देष के शहरो से लेकर गावों तक ‘सेनेटाइजर’ का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। सेनेटाइजर का उपयोग सेनेटाइजर का उपयोग वायरस, बैक्टिरीया व अन्य सूक्ष्म कणों को मारने के लिये किया जाता है क्याकि इसमें 70 से 80 प्रतिषत तक एल्कोहल एवं 25 से 30 प्रतिषत हानिकारक रसायनो के कारण हम जब भी सेनेटाइजर का प्रयोग करते है तो यह हाथो में किसी भी बैक्टिीरिया व वाइरस को मारने की क्षमता पर्याप्त होती है सेनेटाइजर का प्रयोग चिकित्सा, प्रयोगषालाओ, मेडिकल सर्जरी आदि में बहुत ही आवष्यक होता है। किसी विषेष आवष्यकता पर भी सेनेटाइजर से हाथो को धो कर काई भी कार्य कर सकते है। यहँा तक कि आप सेनेटाइज के बाद नाष्ता भी कर सकते है। सावधनियाँः- सेनेटाइजर का ज्यादा समय तक उपयोग करना हानिकारक हो सकता है एक शोध में यह निसकर्ष निकला कि ‘‘सेनेटाइजर’’ का प्रयोग दो से तीन माह तक लगातार उपयोग किया जाता है तो उस व्यक्ति को चर्म रोग, फेफडे का रोग, लीवर एवं किडनी को प्रभावित करता है। यहाँ तक खुषबू वाले सेनेटाजर बार-बार सुघंने से छोटे-छोटे बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तथा इसमें पाये जाने वाले खतरनाके खुषबू वाले कैमिकल रसायन सभी को मानसिक रूप से दिमागी मरीज बना सकते है साथ ही खंासी, जुखामके साथ हाथो के अच्छे बैक्टिीरिया भी मर जाते है, जिनकी हमें जरूरत होती है। सेनेटाइजर में पाये जाने वाले प्रमुख रसायन 1) ट्राइकोसानः- यह रसायन त्वचा में आसानी से अवषोषित कर लेती है और यह रसायन शरीर के अन्दर जाकर माँस पेषियो में ऐठन-अकड़न की समस्या उत्पन्न करता है। 2) वेंजाल कोनियम क्लोराइडः- सेनेटाइजर में उपयोग होन वाला यह कैमिकल हानिकारक जीवाणू एवं विषाणुओ को नष्ट करता है लेकिन इसका ज्यादा उपयोग त्वचा के रोमछिदों मे प्रवेष कर जलन, खुजली चकत्ते पड़ने जैसी समस्याये पैदा करता है। 3) फेमनेट्सः यह कैमिकल सेनेटाइजर मे खुषबू पैदा करता है यह कैमिकल सेनेटाइजर के माध्यम से लगातार सुघंते है तो लीवर, किडनी, फेफेडे़ व प्रजनन तन्त्र को प्रभावित करता है तथा बच्चो में शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता भी घटता है। आयुर्वेदिक घरेलू उपाय अपनायेः- 1. नीम की पत्तियो का उबाल कर हाथो का सेनेटाइज कर।े 2. फिटकरी पानी का उपयोग करे 3. सफेद नमक पानी के घोल का प्रयोग करे। 4. साबुन से बार बार हाथ धोए। घरेलू हैन्ड वास 100 ग्राम कीटाणु नाषक साबुन जैसे डीटाल को बारीक-बारीक काट कर एक लीटर पानी में 5 मिनट तक गर्म करे जब अच्छी तरह साबुन घुल जाए तो निकाल कर ठण्डा होने के लिये रख दे, जब घोल ठण्ड हो जाऐ तो 10-15 मिली ग्लिीसरीन मिलाकर स्प्रे बोतल में रखले जब भी हाथ धोना इसी का उपयोग कर हाथो को धोए।

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