देश की मिट्टी ....... देश की दवा ?

मिट्टी चिकित्साः- पेडू में दर्द या सूजन ,आंतो में सूजन ,कब्ज आदि में मिट्टी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा बहुत लाभदायक होती है। सर्वप्रथम स्वच्छ चिकनी मिट्टी को तैयार कर 10-12 घंटे खुले आकाश के नीचे रख देते है, तत पश्चात् उस मिट्टी को लेप बनाकर एक पट्टी नुमा 4 से 5 इंच चैडी, और लगभग 10-12 इन्च लम्बी पट्टी बना कर मरीज के नाभि वाले स्थान से नीचे मूत्रेन्द्रि के मध्य तक, बनी हुई मिट्टी की पट्टी को लगभग 30 से 40 मिनट तक रखे यह प्रक्रिया भी 15 से 20 दिनो तक अवश्य करे। यह क्रिया करने से आपको आतों में जमा पुराना मलफूल कर नरम पड़ जाता है और एनिमा द्वारा मल को बाहर कर कब्ज में आराम दिलाया जाता है। साथ ही यह पेट के कीड़े, अम्ल पित्त, मंदाग्नि, अतिसार आदि समस्त रोगो के लिये यह चिकित्सा लाभदायक होती है इसीलिये तो कहा गया है ‘‘देष की मिट्टी .......देष की दवा’’ सर्वांगलेप द्वारा 1. मोटापा कम करे। 2. चर्म रोग दूर करे। 3. कमर दर्द, घुटनो का दर्द, जोड़ो का दर्द, संधिशूल आदि। सर्वप्रथम नर्म चिकिनी मिट्टी को पेस्ट बनाकर रात्रि में खुले आकाश के नीचे पूरी रात रख दे प्रातः काल मिट्टी के लेप को सम्पूर्ण शरीर में लगाकर 1 घंटा तक सूर्य की रोशनी में अच्छी तरह सुखाये, जब मिट्टी सूख जाये तो ताजे पानी से शरीर पर लगी मिट्टी को साफ कर धो ले। यह प्रक्रिया करने से आपके शरीर के त्वचा रोम छिद्र खुल जाते है, था अन्दर जमा गंदगी मिट्टी में घुलकर अवशोषित करके शरीर से बाहर निकाल देती है साथ ही शरीर का अतिरिक्त नमक का भी अवशोषण कर शरीर स्वच्छ एवं स्वस्थ्य हो जाता है और उपरोक्त बीमारियों को दूर करती है । अधिक जानकारी हेतु डा०राव से परामर्श ले। " देश की मिट्टी ...देश की दवा’’

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