आयुर्वेद पद्धति के अनुसार मानव शरीर में पानी का बहुत महत्व है। पानी को हमेशा आराम से पीना चाहिये, पानी सदैव बैठ कर ही पीना चाहिए, खडे होकर पानी को नही पीना चाहिये क्योकि खड़े होकर पानी को पीने से शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते है, इसलिये पानी को हमेशा बैठकर शान्त मुद्रा मे पीना चाहिये। डा० आर राव के अनुसार पानी का सेवन खाना खाने से एक घंण्टा पहले और खने के एक घंण्टा बाद में सेवन करने से हमारे शरीर भोजन आसानी से पचता है जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है। हम सभी को पानी को सेवन जल्दबाजी में नही सदैव बैठकर पानी पीऐ, खड़े होकर चलते-चलते ,उपर से भी पानी नही पीनी चाहिये, इसी प्रकार बिस्तर पर लेट - लेटे पानी भी नही पीना चाहिये क्यो ये सब गलत आदतो की वजह से पानी श्वांस नली मे चला जाता है जिससे गले में ठसक लगने से परेशानी बढ़ जाती हैं इसलिये पानी को सदैव घूंट-घूंट कर पीना चाहिए। पानी-पीने की दीनर्चयाः- मनुष्य का प्रातः काल उठने के पश्चात सर्वप्रथम एक से दो ग्लास गुनगुना पानी को घूंट-घूंट कर आराम से पीना है, तत पश्चात सुबह के नास्ते में एक गिलास पानी-पीना चाहिये। इसी प्रकार हर मनुष्य को प्रत्येक एक से दो घंटे के मध्य मे पानी का सेवन करते रहना चाहिये सुबह से शाम के मध्य प्रत्येक व्यक्ति का 7-8 लीटर पीना का सेवन अवश्य करना चाहिए जिससे हमारा शरीर स्वस्थ्य एवं तन्दुरूस्त रहता है। पानी के औषधिय गुण :- पानी हमारे शरीर के लिये अति आवश्यक है, भोजन के बिना तो हम एक सप्ताह रह सकते है लेकिन पानी के बैगेर एक दिन भी निकालना मुशकिल होता है, इसलिये तो कहा गया है ‘‘जल ही जीवन’’ है। इसलिये पानी में इतने औषधि गुण विद्यमान है, यह न केवल हमें रोगो से बचाता है अपितु कई रोगो से बचाता है। औषधिय गुण :-
1. पाचन शक्ति कमजोर होने पर पर्याप्त में पानी पीये।
2. पेट दर्द होने पर, बोतल में गर्म पानीभर कर सिकांई करे l
3. मूत्र में रूकावट होने पर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिऐ।
4. त्वचा में झांईया व रूखा पन हो तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ।
5. बवाशीर की शिकायत हो तो गुनगुन पानी का सेवन लाभदायक होता है ।
6. आँखो में सूखापन, दर्द हो तो ठंण्डा जल का सेवन पर्याप्त मात्रा में करे साथ ही आँखो में छिटटा मारने से लाभ होता है।
7. मोटापे से परेशान लोगो का पर्याप्त मात्रा मे गुनगुना पानी पीना चाहिऐ।
8. पथरी वालो को अधिक मात्रा मे जल का सेवन करने से पथरी टुट कर निकल जाती है।
9. यदि कोई आवंछित वस्तु खा ली हो तो उल्टी कराने के लिये पानी कों प्रातः काल पीने से लाभ मिलता है।
10. कब्ज वालो को रात को तांबे के बर्तन मे रखे पानी को प्रात- काल पीने से लाभ मिलता है।
11. अस्थमा व दमा के मरीजो को गुनगुना पानी लाभदायक होता है।
12. जुखाम वाले व्यक्ति को गुनगुना पानी घूट-2 कर पिलाये और गरारा भी कराये आराम अवश्य मिलेगा।
13 पानी कम पीने वालो की याददाश कमजोर हो जाती है।
14. सिर दर्द घबराहट बैचानी पर घूंट-घूट कर पानी पीने से तुरन्त लाभ होता है।
15. गमियों के मौसम में पर्याप्त मात्रा मे जल के सेवन से लू का खतरा कम होता है।
16. हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होने से नाड़ियों और मांस पेशियों मे उत्तेजना बनी रहती है और स्वस्थ्य रहती है।
17. पानी पीते रहने से गला सुखता नही और लार निरन्तर बनता रहता है जो पाचन मे सहायक होता है।
18. पानी में ऐसे तत्व होते जो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढा़तें है जो विभिन्न बीमारियों से बचाते है।
19. पानी एक प्राकृतिक पानी है, इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व खनिज लवण होते है जिसे पीत ही शरीर की थकान व कमजोरी दूर हो जाती है।
20. शरीर मे पानी की कमी हाने से रक्त गाढ़ा होता है और कोलास्ट्राल बढ़ने लगता है ।
21. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन नही होता है
22. पानी खून को पतला रखने में सहायक होता है, जिसमसे शरीर में खून के थक्के नही पड़ते है।
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