छाछ अमृत समान है- ग्रीष्म ऋतु में

" छाछ " अमृत समान है - ग्रीष्म ऋतु में अयुर्वेद में छाछ का प्रयोग एक स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थ के रूप मे उपयोग किया जाता है । आयुर्वेद शास्त्रो में छाछ की तुलना अमृत के साथ की है । यह शरीर के भीतर विषाक्त पदार्थ को मूत्र के द्वारा बाहर निकालने मे मदद करता है।यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । छाछ का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर को स्वस्थ्य एवं बलवान बनाता है । डा0. राव के अनुसार छाछ में प्रोबायोटिकक्स के साथ ही विटामिन एंव खनिज आदि पदार्थ भरपूर मात्रा मे पाये जाते है। छाछ की तासीर ठण्डी होती है ,जो ग्रीष्म ऋतु के लिऐ बहुत ही लाभकारी होती है। छाछ मे एक विशेष बात है , कि यदि हम तीन दिन पूर्ण रूप से कुछ भी बिना खाए केवल छाछ का प्रयोग नियमित रूप से उपयोग करते है तो हमारे शरीर मे एक चमत्कारी लाभ दिखाई देने लगता है ।जैसे आप ने अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप किया हो । यह छाछ आपके शरीर से अनावश्यक चर्बी या मोटापे को कम कर देता है । साथ ही यह हमारे चेहरे के ऊपर प्राकृतिक रुप चमक बढा़ता है , और काले दाग ,धब्बे समाप्त हो जाते है । और चेहरा फुर्तीला और तेजस्वी दिखाई देने लगता है । छाछ में प्रमुख रुप से विटामिन बी-12, कैल्शियम , पोटेशियम ,'फॉस्फोरस ऐसे अनेक तत्व रहते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं । जिसका पेट साफ नहीं होता ,कब्ज रहती हो , पेट मे अफारा,गैस ,डकार आदि बीमारियों में यदि मरीज को प्रातः काल नियमित रूपसे छाछ पीने की सलाह देते है तो उसकी पेट रोग की समस्त बीमारियां समाप्त होने लगती है । छाछ पीने से शरीर की उष्णता तुरंत कम होने लगती है ,तथा रात मे अच्छी शांत नींद आने लगती है । साधारण व्यक्ति भी अगर प्रति दिन छाछ पिए तो उसके शरीर की उष्णता कम होती है और शरीर स्वस्थ्य वा बलवान होता है । " छाछ " पीने से निम्न लाभ होते है -- 1. छाछ पीने से मोटापा कम होता है । 2. बार-बार पेशाब की तकलीफ है तो छाछ में नमक डालकर पीने से तकलीफ कम होती है । 3. दही का पानी या छाछ पीने से मुंह के छाले कम हो जाते हैं । 4. छाछ में अजवाइन डालकर पीने से पेट के अंदर के खराब बैक्टीरियां समाप्त हो जाते हैं । 5. छाछ में गुड़ डालकर पीने से पेशाब में होने वाली जलन की तकलीफ कम होती है । 6. छाछ में जायफल का पाउडर डालकर पीने से सर दर्द कम होता है । 7. खाली पेट छाछ पीने से पेट दर्द की तकलीफ कम होती है । 8. छाछ में शक्कर और काली मिर्च का पाउडर डालकर पीने से पित्त एसिडिटी की तकलीफ कम होती है । 9. सबसे महत्व की बात की 3 दिन बिना कुछ खाए पिए छाछ पीने से अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप स्वतः हो जाता है । 10. छाछ का सेवन सर्दी, खासीं, जुखाम, के समय नही लेना चाहिऐं। 11. छाछ के साथ खट्टी चीजो का सेवन नही करना चाहिऐं । 12. हड्डी रोग वाले ,जैसे गठिया,जोडो़ के दर्द वालो को छाछ का सेवन नही करना चाहिऐं । 13. भूख बढाने व पाचन छमता बढाने में छाछ के साथ भुना जीरा का प्रयोग एंव मोटापा कम करने के लिऐ सेंधा नमक का प्रयोग उत्तम माना गया है । नोट:- गंभीर दिल के रोगी को और बुखार के समय बच्चों को छाछ नही देना चाहिऐ। अधिक जानकारी के लिये डा0 राव समित के चिकित्सको से निः शुल्क परामर्श ले । धन्यवाद...

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